BPSC Protest का मामला क्या है? खान सर ने सरकार को खुला चुनौती दी जो पुनःपरीक्षा कराएगा उसकी नयी सरकार बनेगी।

 बीएससी की 17वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 13 दिसंबर को हुई थी। जिसमें पेपर लीक होने की मामला सामने आई जिसके तहत 13 दिसंबर को पटना के बापू परीक्षा परिसर में आयोजित परीक्षा को रद्द कर दिया गया और उसकी परीक्षा को 19 दिसंबर को घोषणा की गई की पुनः एग्जाम को 4 जनवरी को लिया जाएगा, लेकिन विद्यार्थियों कि यह मांग थी की पूरी परीक्षा में धांधली हुई है और इसको पूरी तरह से रद्द करके पूरी परीक्षा को अब से लिया जाए। जिसके तहत विद्यार्थियों और टीचर मिलकर पटना के सड़कों पर आंदोलन शूरू कर दिए जो एक छोटा सा आंदोलन से बहुत बड़ा आंदोलन ले चुका है। यह आंदोलन अब लग रहा है कि सरकार को ही पलट देगा।


2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव है जिसके तहत नवंबर से दिसंबर में इलेक्शन होने की संभावना है। इस बीएससी के विद्यार्थियों के प्रोटेस्ट में बहुत सारे राजनीतिक पार्टियों ने भी शामिल हुए जैसे की जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर और बहुत ही चर्चित सांसद पप्पू यादव। इन सभी की लाख प्रोटेक्ट करने के बाद में भी बीएससी ने एग्जाम को रद्द नहीं किया।


दिसंबर के महीना जो की बहुत ही ठंड का महीना है बिहार में पटना के सड़कों पर पुलिस ने बहुत ही बुरी तरीका से BPSC के विद्यार्थियों के ऊपर लाठियां बरसाई और ठंड पानी से आंदोलन को तहस-नहस करने की बहुत कोशिश की लेकिन आंदोलन पर कुछ प्रभाव नहीं पड़ा। अब यह आंदोलन बहुत बड़ा रूप ले चुका हैं ।

 BPSC पुनः परीक्षा की मामला अब हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी चला गया है विद्यार्थियों की पूरी तरह से मांग है कि BPSC की परीक्षा को कैसे भी रद्द किया जाए। उन्होंने बहुत सारे सबूत को भी इकट्ठा किया बहुत सारे टीचर भी इस आंदोलन में शामिल हुए जिसमें शामिल है गुरु रहमान सर, खान सर, ज्ञान बिंदु संस्थान के टीचर आदि।

बीएससी के परीक्षा को रद्द करने की मांग क्यों:

बीएससी की परीक्षा होने से पहले भी विद्यार्थियों किए मांग थी कि बीएससी की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया ना किया जाए क्योंकि इससे कठिन शिफ्ट वाले बच्चों को अनुचित लाभ होगा और आसान शिफ्ट वाले लड़कों को बहुत हानि होगी। इसके लिए भी बहुत प्रोटेस्ट हुआ उसके बाद एग्जाम हुआ एग्जाम होने के बाद अब पुनः परीक्षा के लिए बहुत ही जोर-शोर से प्रोटेस्ट किया जा रहा है पुलिस ने इतना लाठी बरसाई जैसे कि अंग्रेज शासन भी भारतीयों को लाठी नहीं बरसाई थी इतना पढ़े लिखे नौजवानों को ऊपर लाठियां बरसाई गई


पटना के जाने माने खान सर बोले हैं कि री एग्जाम करवाने में पीएम का भी हस्तक्षेप होना चाहिए, बच्चों का गुस्सा को नफरत में नहीं बदले । जैसा कि आप लोग को मालूम है कि बिहार में उद्योग और धंधों की कमी है जिसके कारण बिहार के पढ़े-लिखे नौजवान लड़के को बेरोजगारी का सामना बहुत करना पड़ रहा है। जिसके कारण यह सभी सरकारी नौकरी पर ही आश्रित रहते हैं। फिर सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करने वाले लड़कों का जायज है इस एग्जाम में धांधलीय होने के कारण क्योंकि बहुत मेहनत से प्रिपरेशन करते हैं आप हो या हम जब परिश्रम का फल किसी और को मिल जाएगा तो कितना दुख होगा आप समझ सकते हैं आगे देखिए क्या होता है आपके विचार में क्या है आप कमेंट करके अपनी टिप्पणी दीजिए। 

                        धन्यवाद।


Ranjit kumar

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